बनारस में लोगों के दरवाजे पर गंगा की दस्तक, गलियों में चल रही नाव; पांच हजार आबादी प्रभावित
चन्दौली वाराणसी में गंगा के जलस्तर में आधा मीटर से अधिक की गिरावट आई है लेकिन अस्सी और मणिकर्णिका की गलियों में बाढ़ का पानी अभी भी मौजूद है। लगभग 5000 लोग प्रभावित हैं। 2860 लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को भोजन पानी दवा और पशुओं के चारे की व्यवस्था कर रहा है।। गंगा के जलस्तर में दो दिनों में आधा मीटर से अधिक की गिरावट आई है, बावजूद इसके अस्सी व मणिकर्णिका की गलियों में बाढ़ का पानी अभी भी लहरा रहा है। गंगा छोड़ गलियों में ही नाव का चलना जारी है। पानी के उतार से तटीय गांवाें के लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन डूबी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।
लोगों के घरों में घुसा पानी ज्यों का त्यों है, उनमें मच्छर व जलीय कीड़े-मकोड़े पनप रहे हैं। इसके चलते 448 परिवारों के 2860 लोग अभी राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। प्रशासन बाढ़ पीड़ितों में भोजन-पानी, दवा, पशुओं के चारे के लिए भूसा इत्यादि का वितरण करने में लगा है। बाढ़ चौकियां अलर्ट पर हैं, एनडीआरएफ की एक टीम एवं जल पुलिस मोटर बोट लगा कर राहत एवं बचाव कार्य में लगी हैं। नदियों में लगातार रेकी कर जलस्तर की निगरानी की जा रही है, नदी में नौकाओं के संचालन पर रोक कायम है।
गांवों की पांच हजार आबादी प्रभावित
बाढ़ से शहर के नौ वार्ड व सदर तहसील क्षेत्र के सात गांवों की लगभग पांच हजार आबादी प्रभावित है। लगभग 2000 बीघे से अधिक क्षेत्रफल में बोई गई फसल डूब कर बर्बाद हो चुकी है। गंगा का जलस्तर बढ़ते हुए खतरा बिंदु 71.26 मीटर से 43 सेमी नीचे 70.83 मीटर तक पहुंच गया था लेकिन मंगलवार की सुबह से पानी का बढ़ना थमा और देर शाम से उसमें घटाव आरंभ हो गया। गुरुवार की शाम चार बजे तक यह घटकर 70.31 मीटर पर आ गया था।